kanchan singla

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श्यामा एक तुम ही हो...!!

श्यामा एक तुम ही हो मेरे जीवन में
तुमसे चलती मेरी सांसे हैं
जहां जाऊं मैं इस जग में
तुमको पाऊं उस जगह में 
कोई धुन जो सुन पाऊं मैं
बंसी की धुन ही लगे मोहे ।।

श्यामा दरस दिखाओ एक बार मुझे
खुद को कर दूं न्योछावर मैं
चरणों में रहूं सर झुकाए मैं
ना हटूं वहां से एक पल भी मैं
आस में तेरे दर्शन की मैं
तरसी अखियां प्यासी यें ।।

श्यामा तेरी एक मुस्कान पे गई वारी मैं
मेरा हुआ है रोम रोम पुलकित रे
हर दम पुकारूँ राधे राधे मैं
दौड़े चले आओ अब मिलने को मुझसे
अब कर दो तार मेरे जीवन को ।

दरस दिखाओ अब तो श्यामा तुम
उम्मीद मेरी बस एक तुम से है।

# कॉपीराइट_लेखिका - कंचन सिंगला©®
#कान्हा#जय श्री राधे कृष्णा 

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10 Comments

Abhinav ji

30-Jul-2022 09:39 PM

Nice

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Khushbu

30-Jul-2022 05:19 PM

शानदार

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Gunjan Kamal

30-Jul-2022 12:59 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ु

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